तजुर्बे बिकते ही नहीं

कई दफा सोचा, कि छुपा लूं दर्द सारा
मगर ये आँसु हैं मेरे जो रुकते ही नहीं

संभल जाता मैं गिरने से पहले दोस्तो
मगर, बाज़ार में तजुर्बे बिकते ही नहीं

#गुनी…

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