मेरे दिल की धड़कनों में, तेरा घर भी तो है रात चली गई तो क्या अभी सहर भी तो है ये हंसना, हंसाना, ये नाटक सारी रात का है मेरी नजरो से तेरी नजरो का सफर...
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जिस्म बेकार में है
तुझे ख्याल भी है इस बात का, गुनी कबसे तेरे इंतजार में हैं दिल तेरा हुआ, रूह छोड़ गयी अब तो ये जिस्म बेकार में है #गुनी...