रविवार है ना

​एक साप्ताहिक रचना…. 😛
ये जो साप्ताहिक रविवार है ना

इससे तुम्हें बड़ा  ही प्यार है ना
कम्बख्त  सोमवार  गुस्ताख़  है 

ये तुम्हारा भी गुनाहगार  है  ना
मंदिरों में सजावट खूब है आज

वो क्या है आज मंगलवार है ना
हम एक काव्यगोष्ठी  कर आये

अरे भाई  आज  बुद्धवार है ना
सोचा जरा नहाकर  निकलूं  मैं

शायद  आज  तो गुरुवार है ना
थोड़ा सा हंस लिया हूँ  आज मैं

दरअसल आज शुक्रवार  है  ना
कल क्या होगा मुझे  क्या  पता

आखिर कल तो  शनिवार है ना
#गुनी…

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