रूप तराशते

तुम फूलो से सजा देती हो मेरे आने वाले  रास्ते
किताब खोलती हो मेरा ही ख़त देखने के वास्ते
काश एक बार खुदा हमें भी कारीगर  बना  देता
कुछ भी नहीं नया हम तेरे ही जैसा रूप तराशते

#गुनी …

Leave a Reply