रिश्ते तोड़ आया हूँ

अपने घर के उस आँगन को मैं छोड़ आया हूँ
मिलने की इच्छा है कि तभी इस मोड़ आया हूँ
जो रोक देते थे मुझे तेरी मोहब्बत की राहो में
तू फ़िक्र ना कर वास्ते तेरे, वो रिश्ते तोड़ आया हूँ

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