प्रेम की मुलाकात

किसी ने खाई हैं कसमे मुहब्बत की कोई अंत की बात करता है
ये पडोसी साथ की बात करता हैं कहीं पीठ पीछे घात करता है
साथी मुल्क होता कोई और तो मिटा देता निशान इस जहान से
ये तो हिंदुस्तान हैं जो दुश्मनों से भी प्रेम की मुलाकात करता है

Author photo
Publication date:

Leave a Reply