पूर्ण विराम लगाता हूँ

तूने बनाया यूँ मजबूर इतना मैं सरेआम इल्जाम लगाता हूँ
कभी हँसता था दिन भर अब रोने में सारी शाम लगाता हूँ
कहीं खो दिया था जीवन अपना तेरे प्रेम के आशियाने में
अब दुःख होता है मैं इस दास्ताँ पर पूर्ण विराम लगाता हूँ

#गुनी …

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