विरोधी दुनिया में हर...
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देखने चेहरें बहुत हैं
मत न कर फ़िक्र किसी बात की,...
हो रहा बबाल है
देश में, देश में, धर्म के...
तोड़कर बस्तियां
लोग तो लगे पड़े हैं तोड़कर...
जरुरत नहीं गांधीवाद की
जिधर देखता हूँ देश में...
सेना का सिपाही हूँ
कभी अपने घर की खिड़की खोलकर देखा है मुझपर ऊँगली उठाते हो कभी नेता जी को बोलकर देखा है ये मत सोचना मैं बाज़ार में खड़ा ठेले वाला हूँ गुड्डे गुडिया की...
इन्सान बनकर
कोई आता है अनजान बनकर , वाह...
हर खंजर पुराना होगा
शुभ संध्याजिस दिन मुहब्बत झुक जाएगी मुहब्बत के सामने वो मंजर सुहाना होगाकैद को न होगी जरुरत किसी जैल की, हाँ आँखों का पंजर बनाना होगावो वक़्त ही और...
सेना ने बचाया है
बात हो उतराखंड में बादल...
दोस्ती में टूटने
मित्रो मौहब्बत में दिल...