हमरा तो सर ही चकरा गवा है...
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शायद मंद हवा थी
सिर्फ तुम...हां तुम...ओह हो...
खफा है मेरी परछाई से
कोशिश छोटी सी...क्या फर्क...
हिन्दुस्तान लिखता हूँ
सोचिये कुछ इस तरह...
खुश रहो अपने संसार मे
आज फिर एक बार तुम्हारे...
मूरख रहते मौन : दोहा
कोशिश देखेंशहीदों सा...
परिंदा नहीं आया
छोटी सी कोशिश गौर...
जीवन मे फैसले सोच समझकर लें
कुछ ही समय पहले की बात है...
तेरे आने का इंतजार करता हूँ
सिर्फ तुम्हारे लिए आज...
ना यूँ कि मैं घर मे एकलौता हूँ
शुभ प्रभात ...एक हाथ है जो...