नई शुरुआत कर लेते हैं

उनकी तरफ से हमारे लफ्जो में.. आखिरी शे’र खास आपकी खतिर
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं

छोड़ो वो पुराने किस्से , कोई और बात कर लेते हैं
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं
अंधेरे में ,  हम दोनों कहाँ तलक जाएंगे इस तरह

चलो अब हम दोनों तारो को भी साथ कर लेते हैं
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं
पीले-पीले पन्नो पर, वो सफर आज भी सुनहरा है

किसी तरह एक दफा फिर वही हालात कर लेते हैं
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं
चाँद को याद है, चाँद का चाँद से चाँद सा मिलन 

चाँद की सलाह है ,  मिलकर वही रात कर लेते हैं
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं
मेरी किताब का वो पन्ना गुजारिश है लौटा दो अब

लोग गुनी से मुहब्बत पर कई सवालात कर लेते हैं
भूल जाते हैं सब, फिर से नई शुरुआत कर लेते हैं
#गुनी…

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