मोती सारे बिखर जाते हैं Author Gurmeet Singh Created August 17, 2015November 14, 2016 Updated November 14, 2016August 17, 2015 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 35 Categories: अन्य, मुक्तक सभी आदरणीय सज्जनो को प्रणाम थोड़े से नाम की खातिर, लोग हद से गुजर जाते हैंहसरत ए मुकाम की खातिर नजरो से उतर जाते हैंऔर आवाज ही कहाँ होती है , रिश्तों के टूटने कीमालूम भी पड़ता है जब, मोती सारे बिखर जाते हैं #गुनी…
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