मंहगाई …

क्या राज आया है, पहाड़ो सी ऊँचाईयो को छू रही है मंहगाई
कोई भी सुनने को तैयार नहीं है, आम जनता बेचारी तंग आई
पहले तीन वक़्त की खाते थे रोटियां अब एक बार खा लेंगे हम
पर एक वक़्त मुश्किल से खाते थे वो गरीब मांग रहें हैं दुहाई

#गुनी …

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