माँ भारती को बचाना है Author Gurmeet Singh Created October 11, 2014November 14, 2016 Updated November 14, 2016October 11, 2014 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 32 Categories: अन्य, मुक्तक एक सुबह उठकर बोला माँ कपडे दो सीमा पर मुझको जाना हैतुम तो मेरी अपनी हो पर अब माँ भारती को भी मुझे बचाना हैदेखो माँ इनको समझ नहीं आता, ये मुझको कायर समझ रहे हैंएक भगत है हर युवा में पडौसी काफ़िर को ये आज दिखाना है #गुनी…
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