लिए खड़े हैं हम खुल Author Gurmeet Singh Created August 5, 2014November 14, 2016 Updated November 14, 2016August 5, 2014 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 31 Categories: अन्य, मुक्तक मित्र मेरे करीब के टोक देना हमको गर करें हम कोई भूलखुद भी चलना तुम संभलकर कहीं लग न जाये कोई शूलअब किसकी राह तकते हो मित्र क्यूँ इतना विलम्ब कियाआओगे जल्दी सखा बस ये सोच , लिए खड़े हैं हम फूल #गुनी …
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