क्या….पता

मुझे पहली मुलाकात से है, तुझे भी हो प्यार क्या पता
आज हमने कर दिया कल तुम करो इजहार क्या पता

ऊपर वाले की कलम ने  , मिलना लिखा न हो शायद
बस मुझे उम्मीद है, हो जाये कोई चमत्कार क्या पता

क्या कहा घर वाले नहीं मानते हौसला रखो जरा तुम
देश की बदली, घर की बदल जाये सरकार क्या पता

आज सूखा पड़ गया है मेरे नादान दिल के आँगन में
इस आँगन में कल हो जाये बारिश जोरदार क्या पता

क्या तुम्हें ये फिक्र है?  मैं जरा भी पैसा नहीं कमाता
आज की छोड़ो कल हो जाऊँ मैं साहूकार क्या पता

कोई जिम्मेदारी नहीं ,  मैं सब मजाक समझ लेता हूँ
जब तुम मिलो  तब  हो जाऊँ मैं जिम्मेदार क्या पता

जाने क्यों तुम अकसर भूलने की कोशिश करती हो
कभी सोचा , मैं सदियो करता रहूँ इंतज़ार क्या पता

#गुनी…

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