क्या कमाल लिख दिया

पुराने –  पुराने किस्सों से नया साल लिख दिया
इत्तिफ़ाक से ही तेरी खातिर सवाल लिख दिया

जो गुजरा, जैसा गुजरा और भी गुजर जाने दो
रोती आंखो, कांपते हाथो ने धमाल लिख दिया

जो नहीं समझे आज तक तुम, वो अब समझो
अब तो एक पन्ने में , दिल का हाल लिख दिया

तेरी खातिर खुद ,  कहीं ताजमहल लिखा गया
ऐ खुदा महज मेरे हिस्से में , बबाल लिख दिया

तूने खुदा से क्या मांगा, मैंने क्या हासिल किया
देख गुनी ने इस दफा , क्या कमाल लिख दिया

#गुनी…

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