क्या बताएगा खुदा को
अपने हाथो में, अपने गुनाहो की किताब रख
फिर किसी और की गलतियों का हिसाब रख
कयामत की रात , तु क्या बताएगा खुदा को
अरे मुसाफिर कम से कम उसका जवाब रख
#गुनी…
मेरी अपनी कहानी
अपने हाथो में, अपने गुनाहो की किताब रख
फिर किसी और की गलतियों का हिसाब रख
कयामत की रात , तु क्या बताएगा खुदा को
अरे मुसाफिर कम से कम उसका जवाब रख
#गुनी…
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