खफा है मेरी परछाई से
कोशिश छोटी सी…
क्या फर्क पड़ता, जो खत लिखूं खूं से या स्याही से
ऊपरी मन से लिखूं, या लिखूं मैं दिल की गहराई से
अगर वो मुझसे नाराज भी होती तो मैं यूँ मना लेता
अफसोस है वो मुझसे नहीं खफा है मेरी परछाई से
#गुनी…
मेरी अपनी कहानी
कोशिश छोटी सी…
क्या फर्क पड़ता, जो खत लिखूं खूं से या स्याही से
ऊपरी मन से लिखूं, या लिखूं मैं दिल की गहराई से
अगर वो मुझसे नाराज भी होती तो मैं यूँ मना लेता
अफसोस है वो मुझसे नहीं खफा है मेरी परछाई से
#गुनी…
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