कौन रोकेगा मेरी कलम

मंचो से मैंने शब्दों को बनाना , सीख लिया
शब्दों को मन ही मन में गुन गुनाना सीख लिया
कौन रोकेगा मेरी कलम के , ये चलते कदम
चालो को अपनी, शब्दों से छिपाना सीख लिया

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