इश्क़ सिखाना नहीं आता

मैं तो ठहरा मामूली सा , मुझे प्यार जताना नहीं आता
तू महलों की रानी तुझे कैसे बहाना बनाना नहीं आता

कैसे, कैसे, कैसे खुश हो लूँ , मुझे तू ही बता ना जरा
खूबसूरत लम्हो को , मुझे भूलना-भुलाना नहीं आता

राधा को कृष्णा से हुआ, मीरा दीवानी हो गई जिसमें
कुछ तो है ये इश्क़ भी, मुझे शायद बताना नहीं आता

नाजाने तुम आजकल , किसके बहकाये जाल में हो
चोर कहती हो, मगर मुझे दिल तो चुराना नहीं आता

मुझे मंजूर हर शर्त भी है, मंजूर मुझे मेरी हर खता है
अफसोस यही है, गुनी को इश्क़ सिखाना नहीं आता

#गुनी…

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