फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
आज वो पहली मुलाकात की कसम तोड़ दी जाए
तुझे अपना लिख दूं फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
बेईमान मौसम में वो सारी हया शरम तोड़ दी जाए
तुझे अपना लूँ मैं फिर चाहे कई रसम तोड़ दी जाए
#गुनी…
मेरी अपनी कहानी
आज वो पहली मुलाकात की कसम तोड़ दी जाए
तुझे अपना लिख दूं फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
बेईमान मौसम में वो सारी हया शरम तोड़ दी जाए
तुझे अपना लूँ मैं फिर चाहे कई रसम तोड़ दी जाए
#गुनी…
Leave a Reply