दोस्ती का हाथ Author Gurmeet Singh Created September 15, 2014November 14, 2016 Updated November 14, 2016September 15, 2014 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 38 Categories: अन्य, मुक्तक दोस्ती ही थी वो, या बस तुमने भी मखोल उड़ाया थाकिसी के दिए जख्मो को कुरेद कर नासूर बनाया थाआज और अब , सच बताना हमें , तुम जरा सोचकरगुस्ताखी की थी, जो हमने दोस्ती का हाथ बढाया था #गुनी …
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