प्यार सोची समझी साज़िश है...
Category: शे’र
स्वागत मेरा, मेहमान करते हैं
खुद को बड़ा अकेला महसूस...
ये भी कोई जहर है
ख्यालो ख्यालो में... नजरो...
मेरे गुनाहो की सज
मेरे गुनाहो की सजा , इस तरह...
इश्क को इजहार की जरूरत कैसी
इश्क को इजहार की जरूरत...
जग को इंतकाम तो लेने दे
बेसक, तुम मुझे काफ़िर ही कह...
झूठ भी इतनी खूबसूरती से बोलती है
झूठ भी इतनी खूबसूरती से...
मैं तुझे अपना कह लूँ क्या
मैं तुझे अपना कह लूँ क्या...
खाली मकान रह गया
दो ही तो लोग थे घर में ,...
मौत को तो सुनहरा रहने दे
तूने मुखोटे पर मुखोटे...