जमाने से मैं उम्मीद लगाकर बैठा था वफ़ा की आज किसी तूफां को बड़े नजदीक से देखा है #गुनी...
Category: शे’र
ख्वाब रह गया
छिप गया चाँद देखो चेहरे पर सिर्फ नकाब रह गया रात भर देखा था अधूरा ही मेरा वो ख्वाब रह गया #गुनी...
कहाँ किसी ने रोका है
आकाश के परिंदों की उड़ान को कहाँ किसी ने रोका है और ऊंचा उठो तुम, आसमाँ को कहाँ किसी ने रोका है #गुनी...
जिस्म बेकार में है
तुझे ख्याल भी है इस बात का, गुनी कबसे तेरे इंतजार में हैं दिल तेरा हुआ, रूह छोड़ गयी अब तो ये जिस्म बेकार में है #गुनी...
किताबो में लिखा है,
गुनहगार को मौत तक , आसानी...
चिराग जलाया तो होता
खुदा से मुलाकात की...
हर्ज ही क्या है
दिल को दिल की बात बताने...
फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
आज वो पहली मुलाकात की कसम...
मौहब्बत कहाँ होती है आजकल
बाज़ार लगता है साहब ,...
कसूर तस्वीरों का है ही नहीं
कसूर तस्वीरों का है ही...