ऐसा दफन किया कम्बख्त...
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मैं तोड़ दूं क्या
बस ऐसे ही ... 😊सवाल सिर्फ ये...
हुक्म इन जल्लादो का
देश मेरा, देश की जमीं मेरी...
एक भी न हो सरहद
भारतीय हूँ, वैसे तो मुझे...
मेरे मुकद्दर में तु नहीं
मेरे मुकद्दर में तु नहीं ,...
कैसा रास्ता बताऊँ मैं
हद हो गई लोगो की बातो से...
लड़ाई चाहिए
मियां किसे चिरागों की...
कलम से पहचान होती है
पंखो से नहीं , बुलंद हौसलो से उड़ान होती हैयुवा पीढ़ी उम्र से नहीं इरादों से जवान होती हैबेसक तलवारे कितनी भी बड़ी बड़ी रख लोकलमकार की सिर्फ कलम से...
kavisammlen@infosys
हिन्द से बढ़िया कोई वतन नहीं
यकीन मानिए, माँ भारती की गौद से बढ़कर कोई चमन नहींसच कहा है किसी ने दोस्तो तिरंगे से बेहतर कोई कफन नहींऔर अब बेसक कितना भी बढ़ गया हो भ्रष्टाचार मेरे...