जख्म किस तरह से दिखाऊं...
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कश्तियाँ हैं, पतवारें नहीं है
आसमां है मगर तारे नहीं...
तेरा मेरा मिलना कोई इत्तिफ़ाक नहीं था
तेरा मेरा मिलना कोई...
ख्वाईश आसमां को छूने की है
बेशक हम आज भी अपनी हदो में...
भूल जाता हूँ सारे गम कहीं तो
सच, एक हौसला मिल जाता हैजब...
मंजिलें तेरी जरा भी दूर नहीं
मंजिलें तेरी जरा भी दूर...
सो जाया करो जल्दी कभी कभी
सो जाया करो जल्दी कभी -...
हरा दुप्पटा काला सूँट सबका रंग फीका है
हरा दुप्पटा काला सूँट...
मुद्दत के बाद सोया हूँ चैन से
कम्बख्त बड़ी मुद्दत के...
थोड़ा तो सुकून है
आजकल मेरा दिल लगने लगा...