क्या राज आया है, पहाड़ो सी...
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दोस्ती खिलौना नहीं
मेरी दोस्ती किसी जौहरी का जेवर नहीं, कि कोई आये और लूट जायेमंजिल अलग हैं हमारी, मगर रिश्ता कमजोर नहीं जो बाहें छूट जायेअरे मैं कहता हूँ अपनी दोस्ती...
हजारो गर्दन भी कट जाती हैं
ज्यादा फ़ैलाने पर पैर, बड़ी से बड़ी चादर भी फट जाती हैढील देने से ज्यादा, खूबसूरत उड़ती पतंग भी कट जाती हैमत करो ये लड़ाईयां, ये द्वंद अपने ही देश में...
ख़ास हैं मेरी दोस्त …
अच्छा था कि वो हमसे नाराज...
समय के साथ बदलते हैं लोग….फर्क देखिये
वो कहती थी तेरी लेखनी के...
प्यार धोखा है
प्यार में अकसर धोखा...
आँखें झूठ नहीं बोलती
कौन कहता है "आँखें झूठ...
आज तक समझ नहीं आया
वो क्यूँ इतना इतराते हैं...
ईद मुबारक तीज मुबारक
आओ मिलकर हमसब खुशियों के...
गुरमीत सिंह ‘गुनी’ हूँ
मैं शब्दों को जोड़कर जाल...