Category: अन्य

लिए खड़े हैं हम खुल

मित्र मेरे करीब के टोक देना हमको गर करें हम कोई भूलखुद भी चलना तुम संभलकर कहीं लग न जाये कोई शूलअब किसकी राह तकते हो मित्र क्यूँ इतना विलम्ब...

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