वो हसीं आँखे, खुशनुमा...
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पिछली गलती को बार बार न कर
ऐ गुस्ताख , चाँद की झूठी...
दूर रहो हमसे मुझे राह...
यहाँ इंसानो को इंसानो से...
कोई नवातार लिखो
जागो ऐ युवाओ, अब तुम शेरो...
याद आएगी मेरी बात
तुम ख़ास हो हम हैं ख़ाक कहाँ...
गुनी अपने पैरो की छाप न...
कई जनो को ढूंढता रहा
गलती थी मेरी जो मैं अजनबी...
गाज लिखेंगे
नयी जगह नया सवेरा नए...
सपने में गजब की बात हो गयी
सपने में गजब की बात हो...