आप सभी को एक मुक्तक निवेदित .... आशा है पसंद आएगाराजा , रंक हुआ यहाँ देखो कैसे पहर बदल गयाअमृत बना देखो मीरा के लिए जहर बदल गयाऔर हमने भी खुद किस्मत...
Category: मुक्तक
बाग़ शमशान न हो जाए
सुप्रभात मित्रोहाज़िर है एक मुक्तक .... इशारा कहाँ है बेसक आप समझ जायेंगे इशारो की जुबां तो आती ही है आपको...दाग है खूबसूरत चाँद में भी , कहीं चाँद...
मैं महफूज हूँ सीमा पर
मैं महफूज हूँ सीमा पर, मेरी माँ रोज खुदा से इबादत करती हैघर कभी कभी जाता हूँ छोटी बहन हमेशा शिकायत करती है#गुनी...
तुम्हे लिखना नहीं आता
शुभ प्रभातनोटों का ढेर लगा था मगर लोगो ने कह दिया तुम्हे रखना नहीं आताउन्नति की उम्मीद बहुत थी उन्होंने फिर कहा तुम्हे उठना नहीं आताऔर मैं तो एक एक...
मुझसे ज्यादा प्रेम करे
खिल जाये फूल और चारो और खुशियों की सुगंध निराली होबेसक ज्यादा नहीं पर कहने भर की ही मेरे पास खुशहाली होसुनकर सबका बदहाल यहाँ पर , एक तस्वीर बनाकर...
माटी माटी है गई
खूब बनाये अपने, अपने छोड़...
खुश हूँ मगर फिर वही डर
अब किसी प्याले का नशा...
निगाहो में जा छलके
मैं अश्को को उनसे छिपाता...
माँ से बात किये हुए
नमस्कार मित्रोएक सैनिक...
जुबाँ जहरीली हो जाती है
आज से मेरे काबिल दोस्त सोच समझकर कर पियेंमैंने सुना है पीने वालो की, आँखे नशीली हो जाती है दिल में जहर होता है और जुबाँ जहरीली हो जाती है#गुनी...