मानो मेरी बात, कमाओ बस...
Category: मुक्तक
जवां भी शेर नही मिलता
कलयुग है ये भाई, यहां सबरी...
कोई नवातार लिखो
जागो ऐ युवाओ, अब तुम शेरो...
याद आएगी मेरी बात
तुम ख़ास हो हम हैं ख़ाक कहाँ...
कई जनो को ढूंढता रहा
गलती थी मेरी जो मैं अजनबी...
गाज लिखेंगे
नयी जगह नया सवेरा नए...
सपने में गजब की बात हो गयी
सपने में गजब की बात हो...
अपनो को ढूंढता रहा
गलती थी मेरी जो मैं अजनबी...
दोस्ती नसीब नहीं होती
सुप्रभात मित्रोआज बहुत...
माँ रखती थी कितना ख्याल
सभी को प्रणाम....यात्रा आनंदमयी है सुखद है आज सुबह जब आँख खुली तो क्या देखा मुक्तक से बताने की कोशिश ... अच्छा लगे तो बालक को आशीर्वाद देंजो आँखें...