अपनी माँ को गाली देना ये...
Category: मुक्तक
कुत्ते के हिस्से में हिन्दुस्तान
माँ की गाली देकर मुरखो ने...
बेगानो से क्या लेना
एक हो आशिक जमाने के...
पठानकोट के शहीदों को
आक्रोष आपके मन में भी है,...
हिन्दुस्तान बाकी है
गरीबो की बस्ती में आज भी,...
एक भी न हो सरहद
भारतीय हूँ, वैसे तो मुझे...
लड़ाई चाहिए
मियां किसे चिरागों की...
कलम से पहचान होती है
पंखो से नहीं , बुलंद हौसलो से उड़ान होती हैयुवा पीढ़ी उम्र से नहीं इरादों से जवान होती हैबेसक तलवारे कितनी भी बड़ी बड़ी रख लोकलमकार की सिर्फ कलम से...
हिन्द से बढ़िया कोई वतन नहीं
यकीन मानिए, माँ भारती की गौद से बढ़कर कोई चमन नहींसच कहा है किसी ने दोस्तो तिरंगे से बेहतर कोई कफन नहींऔर अब बेसक कितना भी बढ़ गया हो भ्रष्टाचार मेरे...
हिन्दी पूरे विश्व की ताकत होगी
मेरे कुछ सपने...माँ भारती...