Category: मुक्तक

कलम से पहचान होती है

पंखो से नहीं , बुलंद हौसलो से उड़ान होती हैयुवा पीढ़ी उम्र से नहीं इरादों से जवान होती हैबेसक तलवारे कितनी भी बड़ी बड़ी रख लोकलमकार की सिर्फ कलम से...

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हिन्द से बढ़िया कोई वतन नहीं

यकीन मानिए, माँ भारती की गौद से बढ़कर कोई चमन नहींसच कहा है किसी ने दोस्तो तिरंगे से बेहतर कोई कफन नहींऔर अब बेसक कितना भी बढ़ गया हो भ्रष्टाचार मेरे...

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