Category: मुक्तक

पिता …

मेरे गिरने पर राह में , मुझे उठना सिखाया हैउदासी को आँखों की चमक में बदलना सिखाया हैअब ज्यादा कुछ मत पूछो मुझसे , रो पडूंगा मैंपिता ने मुझको मेरे ,...

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जाने दो

जाए कोई अपनी मर्जी से, तुम जाने दोरूठ जाए कोई गलती से, उसे मनाने दोअब धोखे में रहने की आदत है मुझकोले जाए कोई मेरी जान, अब ले जाने दो

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मौसम…

मौसम लाजवाब है, मौला इस हवा को यूँ ही बहने दोगाते हैं पंक्षी भी मौहब्बत में, इन्हें बस यूँ ही रहने दोअब लौटकर न आये वो चिलचिलाती धूप और गर्मीमैं खुश...

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बीता खुशियों का आसमां

बीता खुशियों का आसमां कि फिर दुःख की गहराईयों में डूबना पड़ागमो के रास्ते दूर हुए कि फिर पर्वत सी कठिनाईयों से जूझना पड़ाबेसक गलती तो की थी हमने...

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मुझे चुप कराने आती

मैं रोज रूठ जाता, गर वो मुझे मनाने आतीमैं इतना न सताता, गर वो मुझे सताने आतीमैं भी जी लेता सुकून के दो दिन रात दोस्तोंमेरे रोने पर, गर खुद वो मुझे...

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रिश्ते तोड़ आया हूँ

अपने घर के उस आँगन को मैं छोड़ आया हूँमिलने की इच्छा है कि तभी इस मोड़ आया हूँजो रोक देते थे मुझे तेरी मोहब्बत की राहो मेंतू फ़िक्र ना कर वास्ते तेरे,...

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इतना लिपट कर रोया माँ से,

इतना लिपट कर रोया माँ से, मेरे आसूँ मोती बन गएमाँ के वो थप्पड़, जैसे मेरे आँखों की ज्योति बन गएजिसने रुलाया माँ को असीमित गमो में कुछ इस कदरखुबसूरत...

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मुश्किलों भरा हो रास्ता

ढूंढने निकल जाएँ उन्हें तो हम हर शहर जाते हैंमिलना की हो इच्छा तो ख्याल हर पहर आते हैंसुख दुःख, मोह माया, तो खेल है बनाया राम कामुश्किलों भरा हो...

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तब रुलाया था मैंने,

साथ जीए थे जो पल, अब उन्हें भुलाने का वक़्त आ गया हैखेला करते थे जिस आँगन में, छोड़ जाने का वक़्त आ गया हैअब हम दूर, बहुत दूर, हो जायेंगे एक दुसरे से...

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बन जाना सारथी

तुम सुनाती रहो, मैं सुनता रहूँतुम हंसती रहो, मैं मुस्काता रहूँतुम बन जाना सारथी जीवन कीतुम चलाती रहो, मैं चलता रहूँ...

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