Category: मुक्तक

माँ…

माँ देवी है, दौलत हैं, प्रेम के रिश्तो की मूरत हैन करती निवास मंदिर में, भगवान सी सूरत हैन रोटी, न कपडा ,नहीं चाहिए मुझे मकानबस जान लो इतना मुझे...

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क्या जताना चाहती हो

यूँ आँखों से ओझल होकर , तुम क्या दिखाना चाहती होऐसे मुख को हमसे मोड़कर , तुम क्या बताना चाहती होहम तो रह लेंगे आसपास ही , उस बहती हवा के माफिकपर खुद...

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शब्द…

आसमाँ को देखकर , ऊँचा उठने को मन करता हैदेखकर इन्द्रधनुष , खुद को रंगने का मन करता हैजब देखता हूँ मैं , उन काले अक्षरों को तख्ती परसारे जग को इन...

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साईं हूँ

कभी मुझे ऊँचा दीखता आसमान कहा गयाकभी मुझे मंदिर में बैठा भगवान कहा गयासबका मालिक एक है , मैं बस साईं हूँ सिरडी काफिर नजाने क्यों मुझे खुदा का अपमान...

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वो चित्रकार है बड़ा

क्या आकार है मालिक का, ये मैं बता नहीं सकताकितना सुंदर है ये भी तुम्हे , मैं दिखा नहीं सकतामालिक का तो एक नूर ही काफी है , इस सृष्टि कोवो चित्रकार...

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कौन रोकेगा मेरी कलम

मंचो से मैंने शब्दों को बनाना , सीख लियाशब्दों को मन ही मन में गुन गुनाना सीख लियाकौन रोकेगा मेरी कलम के , ये चलते कदमचालो को अपनी, शब्दों से छिपाना...

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गैरो से प्यार कैसे करें

मौहब्बत की है हमने, अब इनकार कैसे करेंलज्जा आये घनी हमें, अब इजहार कैसे करेंतुम मेरे हो, मेरे हो, ना भुलाओ ऐसे हमेचाहा है तुमको, अब गैरो से प्यार...

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क्या है ख्याल …

माँ को कहता ख्यालबेटा तेरा सोया नहीं हैसपनो में वो खोया नहीं हैनिंद्रा से है थोडा दूरवजह से तेरी कभी रोया नहीं हैफिर भी माँबेटे की खुशियों खातिर,...

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कश्मीर को आँखे दिखाई

आसमां में नजर उठाई, तो चाँद तारे दिखाई देंगेचाँद पर जाकर देखो, भारतीय सारे दिखाई देंगेअब सुधर जाओ तुम, अपनी नापाक हरकतों सेकश्मीर को आँखे दिखाई, वीर...

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