जीवन की सबसे बड़ी भूल केवल...
Category: मुक्तक
क्या है मेरा
कभी कभी जीवन में कुछ ऐसा...
प्यार का जाल
गरीब हूँ बेसक मन में...
रूप तराशते
तुम फूलो से सजा देती हो...
लिए खड़े हैं हम खुल
मित्र मेरे करीब के टोक देना हमको गर करें हम कोई भूलखुद भी चलना तुम संभलकर कहीं लग न जाये कोई शूलअब किसकी राह तकते हो मित्र क्यूँ इतना विलम्ब...
अश्क-ए-नैना
अश्क-ए-नैना मेरे इतने...
मंहगाई …
क्या राज आया है, पहाड़ो सी...
दोस्ती खिलौना नहीं
मेरी दोस्ती किसी जौहरी का जेवर नहीं, कि कोई आये और लूट जायेमंजिल अलग हैं हमारी, मगर रिश्ता कमजोर नहीं जो बाहें छूट जायेअरे मैं कहता हूँ अपनी दोस्ती...
हजारो गर्दन भी कट जाती हैं
ज्यादा फ़ैलाने पर पैर, बड़ी से बड़ी चादर भी फट जाती हैढील देने से ज्यादा, खूबसूरत उड़ती पतंग भी कट जाती हैमत करो ये लड़ाईयां, ये द्वंद अपने ही देश में...
ख़ास हैं मेरी दोस्त …
अच्छा था कि वो हमसे नाराज...