गोकुल की गोपियों का...
Category: मुक्तक
ख़ास बात है
सच कहता हूँ जरुर मुझमे...
हर शाम ईद है
रोज मनाओ जश्न हर शाम ईद...
दो शीश
लहरे तिरंगा सीमा पर वीरो...
भरनी हो देश प्रेम की चाहत
जानने होते है हालात देश...
न्यारे होने आ गए
गर तुम आसमाँ हो हम चाँद...
शेर दहाड़ पर सो जाए
वीर नहीं बुजदिल हैं वो जो...
आँखों की शर्मिंदगी
कभी ठोकर खाती है कभी ठोकर...
#गैर और #अपने
मैंने #गैरो पर गुस्सा...
#ख़ुशी …
मुझे उनसे बाते करके #ख़ुशी...