ऐ दोस्त तुम्हे तुम्हारी...
Category: मुक्तक
मिटाया हर दर्द
पाया तुमको अब खुशियों का...
प्रेम आता है
पंछी पानी पीता है और उड़...
सिंघम रिटर्न्स
बहुत मुद्दत के बाद हमने...
उनपर मेहरबान है
वो इतराते है कि खुदा उनपर...
राम मारते छींक
आज अचानक बचपन की एक घटना...
एक और ग़ालिब
हमारे जख्म को नासूर...
आँखों में समंदर
मैंने दूर तक नजर दौड़ाई, और...
पीछे नहीं देखती
वो कभी पीछे मुड़कर नहीं...
न बम से, न बन्दुक से
आज मैं तेरे अंहकार को...