Category: मुक्तक

हर खंजर पुराना होगा

शुभ संध्याजिस दिन मुहब्बत झुक जाएगी मुहब्बत के सामने वो मंजर सुहाना होगाकैद को न होगी जरुरत किसी जैल की, हाँ आँखों का पंजर बनाना होगावो वक़्त ही और...

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