Category: कविता

सिर्फ हिन्दुस्तान चाहिए

मैं जब घर से निकलता हूँ, थोड़ी दूर चलता हूँ,चारो और देखता हूँ, एक ही बात नजर आती हैउजाला खो गया बस रात ही रात नजर आती हैकुछ लोगो के मुँह पर ललकार...

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सेना का सिपाही हूँ

कभी अपने घर की खिड़की खोलकर देखा है मुझपर ऊँगली उठाते हो कभी नेता जी को बोलकर देखा है ये मत सोचना मैं बाज़ार में खड़ा ठेले वाला हूँ गुड्डे गुडिया की...

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