मैं तो ठहरा मामूली सा , मुझे प्यार जताना नहीं आता तू महलों की रानी तुझे कैसे बहाना बनाना नहीं आता कैसे, कैसे, कैसे खुश हो लूँ , मुझे तू ही बता ना...
Category: गीतिका
रविवार है ना
एक साप्ताहिक रचना.... :P ये जो साप्ताहिक रविवार है ना इससे तुम्हें बड़ा ही प्यार है ना कम्बख्त सोमवार गुस्ताख़ है ये तुम्हारा भी गुनाहगार है ना...
नेता जी खड़े होकर कहा रहे हैं पकौड़े
नेता जी खड़े होकर खा रहें...
कौन अपना, और कौन पराया
छोले मिलते देखें होंगे...
उस वक़्त हम बच्चे थे
मेरा गांव .... और वहां के लोग...
कवि खुद्दार निकला
भइये कवि तारीफ सुनी हे...
ओ हिन्द के वीरो जय जय जय जयकार लिखो
सुप्रभात मित्रो,.... छोटी सि...
खुश रहो अपने संसार मे
आज फिर एक बार तुम्हारे...
हो रहा बबाल है
देश में, देश में, धर्म के...
आदमी से प्यार हो जाए
मेरे देश के हर आदमी को हर...