अब कोई कसूर तो तुम्हारा...
Category: ग़ज़ल
तु शुरुआत कर
एक दफा तु जरा हंसकर बात...
जहन में हमारी तस्वीर, सजाइये तो सही
लीजिये भैया फिर से आये...
सुनो मगर ये मत सोचना कि कोई नज्म है
मन के इधर उधर के ख्याल .......
शुरू से ही खोया रहता हूँ मैं, तेरे जज्बात में
भैया बस मन में आया तो लिख...
कईं सवाल हो जाएंगे
मियां , हिन्द पर सवाल न...
क्या….पता
मुझे पहली मुलाकात से है,...
मेरा दिल तेरे दिल का किरायेदार हो जाये
दिल से दिल तक...काश, तु भी...
मेरे गुनाहो में शरीख, तु भी कम नहीं
मेरी गलतियों के पन्ने...
भैइए सच्ची सच्ची बात कह रिया हूँ
भैइए सच्ची सच्ची बात कह रिया हूँइश्क में हाज़िर जज्बात कह रिया हूँइतनी बदसलूकी हुई है इस नादां सेदिन को मैं , आधी रात कह रिया हूँये मौहब्बत का कबूतर...