पुरानी यादें और मेरी तकदीर बदल गयी खो गयी पहचान पूरी तस्वीर बदल गयी मुझे भी डर था, बिछुड़ जाने का तुझसे समय, मैं और साथ मेरी पीर बदल गयी मौहब्बत ही...
Category: ग़ज़ल
आदत भी तो है
फकीर हूँ मैं मगर, तू मेरी दौलत भी तो है इस रास्तो पर मुश्किलें, शौहरत भी तो है दरमियाँ हमारे दूरियों की मजबूरी है कई कम्बख्त इन दिलो में , मौहब्बत...
है तो है
अगर मुझे तुमसे मुहब्बत , है तो है मुहब्बत ही अब हकीकत, है तो है तुम इसे मतलब का नाम दो बेशक चाँद को सूरज की जरुरत, है तो है कैद कर लेना एक गुनाह...
तुम्हारा मकान तो नहीं
महोतरमा, ये हमारे सीने में तुम्हारा मकान तो नहीं परायी अमानत के साथ जीना भी आसान तो नहीं देख लिया करते थे, हर हिस्सा तुम्हारी दुनिया का संभलकर...
नजर मिल गयी
एक दफा हमारी, उनसे कहीं नजर मिल गयी यूँ मानिये हमें सारे जहां की खबर मिल गयी मियां,....हम सारे जहां में तलाश किया उन्हें वो ख्वाब आकर हमें,......
अपने किरदार में हूँ
फिर वही तारीख वही रात मैं फिर से इंतजार में हूँ तू ही बदल गयी, मैं आज भी अपने किरदार में हूँ अब तो पूरा एक साल हो गया है पुरानी बातों को मगर देख...
कवि का प्रेम पत्र
एक कवि जब प्रेम पत्र लिखने की कोशिश करता है... एक दफा मेरी मौहब्बत का तू ऐतबार कर ज्यादा ना सही मुझे थोड़ा सा ही प्यार कर क्या फर्क पड़ता है दस्तूर...
गुनी का कहाँ कोई कसूर रखा है
कम्बख्त ने खुद को बड़ा मशहूर रखा है कल जो था आज भी वही ग़ुरूर रखा है रास्तो को बदलना बड़ा आसान था वैसे उसकी यादो ने बना कर मजबूर रखा है जब भी देखता...
असल किरदार में आ
वाकई खबर है तो आ, किसी अखबार में आ झूठा नकाब उतार कर असल किरदार में आ #गुनी...
अजान की जरूरत क्या है
सफर लम्बा हो तो रास्तो...