Category: ग़ज़ल

मन है

जिंदगी को नये सिरे से जीने का मन है उड़ने का ख्याल है चूमना मुझे गगन है झूठे आँसू मेरे, सच्ची खुशी चेहरे पर देखो कितना खूबसूरत मेरा बचपन है खुद की...

Read more

कौन है

इंसानियत खो गयी है इसका कसूरवार कौन है मासूमो की मौत का , आखिर जिम्मेदार कौन है क्या होगा खत्म करने से मामूली कीड़े-मकौड़े मियां खोजकर निकालो इनका...

Read more

खुदा मेरे अंदर से निकला है

तेरे मेरे दरमियां अब दूरियों का सिलसिला है तू खुद बता तुझे मुझसे किस बात का गिला है जहाँ जिक्र किया था तूने अपनी रुसवाइयों का दराज में तेरा खत मुझे...

Read more

मेरा नाम लिया जा रहा है

दुश्मनों से दुआ सलाम लिया जा रहा है दोस्ती का उनसे पैग़ाम लिया जा रहा है दरअसल, इतना कमजोर हो गया है वो चाय का खर्चा सरेआम लिया जा रहा है बड़ा...

Read more

दुनियादारी नहीं चाहिए

मोहब्बत की ख्वाईश है मेरी दुनियादारी नहीं चाहिए जरा सादगी से पेश आओ ये अदाकारी नहीं चाहिए एहतियात से सुनो तुम अपना दिल अपने पास रखो एक है तो मेरा,...

Read more

जिंदगी का हर पल राज हो गया है

जिंदगी का हर पल राज हो गया है क्या था कल, क्या आज हो गया है धुंधला-धुंधला लगने लगा है मौसम बदला बदला सा मिज़ाज़ हो गया है हर शख़्स की जुबां पर तौहीन...

Read more

अधिक कमाना नहीं है

एक किस्सा है मगर मुझे वो सुनाना नहीं है दरअसल मेरी सुने, ऐसा तो जमाना नहीं है इस कम्बख़्त दिल की गहराई बहुत है वैसे मगर उसे नापने वाला, कोई पैमाना...

Read more

सिलसिला जारी रखना

कामयाबी का दौर, ये सिलसिला जारी रखना ये सफर कुछ लम्बा है तुम जरा तैयारी रखना भीड़ में कहीं पहचान बनाने की बात आए तो मियाँ तुम अदा अपनी हजारो में...

Read more

आज भंवर लगता है, कल तक जो किनारा लगता था

आज भंवर लगता है, जो कल तक किनारा लगता था बताओ क्यों दुश्मन लग रहा जो कल प्यारा लगता था पहर बटे, दिन बटे और हो रिश्ते का भी बंटवारा गया कल तक तो...

Read more

मैं खुद को खुद ही से बचाता गया

मैं खुद को खुद ही से बचाता गया वो मेरा था ही नहीं, जिसे अपना बताता गया टूटे सपने, कि टूटा ये मन जो मेरा जब से टूटा है दिल, मैं खुद लड़खड़ाता गया ...

Read more