जिंदगी को नये सिरे से जीने का मन है उड़ने का ख्याल है चूमना मुझे गगन है झूठे आँसू मेरे, सच्ची खुशी चेहरे पर देखो कितना खूबसूरत मेरा बचपन है खुद की...
Category: ग़ज़ल
कौन है
इंसानियत खो गयी है इसका कसूरवार कौन है मासूमो की मौत का , आखिर जिम्मेदार कौन है क्या होगा खत्म करने से मामूली कीड़े-मकौड़े मियां खोजकर निकालो इनका...
खुदा मेरे अंदर से निकला है
तेरे मेरे दरमियां अब दूरियों का सिलसिला है तू खुद बता तुझे मुझसे किस बात का गिला है जहाँ जिक्र किया था तूने अपनी रुसवाइयों का दराज में तेरा खत मुझे...
मेरा नाम लिया जा रहा है
दुश्मनों से दुआ सलाम लिया जा रहा है दोस्ती का उनसे पैग़ाम लिया जा रहा है दरअसल, इतना कमजोर हो गया है वो चाय का खर्चा सरेआम लिया जा रहा है बड़ा...
दुनियादारी नहीं चाहिए
मोहब्बत की ख्वाईश है मेरी दुनियादारी नहीं चाहिए जरा सादगी से पेश आओ ये अदाकारी नहीं चाहिए एहतियात से सुनो तुम अपना दिल अपने पास रखो एक है तो मेरा,...
जिंदगी का हर पल राज हो गया है
जिंदगी का हर पल राज हो गया है क्या था कल, क्या आज हो गया है धुंधला-धुंधला लगने लगा है मौसम बदला बदला सा मिज़ाज़ हो गया है हर शख़्स की जुबां पर तौहीन...
अधिक कमाना नहीं है
एक किस्सा है मगर मुझे वो सुनाना नहीं है दरअसल मेरी सुने, ऐसा तो जमाना नहीं है इस कम्बख़्त दिल की गहराई बहुत है वैसे मगर उसे नापने वाला, कोई पैमाना...
सिलसिला जारी रखना
कामयाबी का दौर, ये सिलसिला जारी रखना ये सफर कुछ लम्बा है तुम जरा तैयारी रखना भीड़ में कहीं पहचान बनाने की बात आए तो मियाँ तुम अदा अपनी हजारो में...
आज भंवर लगता है, कल तक जो किनारा लगता था
आज भंवर लगता है, जो कल तक किनारा लगता था बताओ क्यों दुश्मन लग रहा जो कल प्यारा लगता था पहर बटे, दिन बटे और हो रिश्ते का भी बंटवारा गया कल तक तो...
मैं खुद को खुद ही से बचाता गया
मैं खुद को खुद ही से बचाता गया वो मेरा था ही नहीं, जिसे अपना बताता गया टूटे सपने, कि टूटा ये मन जो मेरा जब से टूटा है दिल, मैं खुद लड़खड़ाता गया ...