बलिदान जरुरी

देश हाथ उठाये कहता जाए अब तो बलिदान जरुरी
ठाली बैठे क्या कर लोगे, संघर्ष बिना जिन्दगी अधुरी

मुश्किल से आजादी पाई, तुमको इसका नहीं पता है
मत सोचो रहे गुलाम तब अपनी भी थी कोई मजबूरी

अब तो न बेडी पड़ने देंगे भाई भाई को न लड़ने देंगे
प्रेम का हम सन्देश देंगे , बाँटेंगे अब सारे हलवा पूरी

बहुत सह लिए अत्याचार अब न मनमानी करने देंगे
अब घर में अपने मूसक कत्ल की नहीं चाहिए मंजूरी

माँ की लाज सबसे प्यारी है, बहना भी राजदुलारी है
इन्हें बचाने लड़ जाएंगे चाहे चल जाए गोली या छूरी

तिरंगे में अपनी जान बसे , खून में अपना ईमान बसे
आन को ना मिटने देंगे , लुट जाये चाहे जिन्दगी पूरी

#गुनी…जय हिन्द

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