सवाल है जिंदगीसवाल हम बन...
Author: Gurmeet Singh
न हसरत पूरी हो सकी
न हसरत पूरी हो सकी...
जिसने तेरे हिस्से हिन्दुस्तान दिया है
आप सभी को स्वतंत्रता...
बाजार में बिकता समान समझा
वो दिल था मेरा, जिसे तूने...
क्या कमाल लिख दिया
पुराने - पुराने किस्सों...
फिर चाहे कलम तोड़ दी जाए
आज वो पहली मुलाकात की कसम...
जब शेर और गीदड़ सब एक ही गिने जाने लगे
सुधार के साथ जब से पडौसी...
मेरे होने का सबूत मांग लेती है
कम्बख्त, मेरे इन आसुंओं...
मुझे चंद पलो की रवानी दे दी
मुझे चंद पलो की रवानी दे...
मुझे चंद हर्फ़ दिए लिखने को
मुझे चंद हर्फ़ दिए लिखने...