तेरी चाहत में सब कुछ भुला दियातेरी यादो नें आज मुझे रूला दियासोचताहूँएक पल के लिए भूल जाउं तु झेलेकिन भूलने की चाहत ने ही तेरा आशिक बना दिया
Author: Gurmeet Singh
कवि हूँ
अपने शब्दों के जाल में मैं किसी को फ़साना तो नहीं चाहता हसंते हुए को आज रुलाना तो नहीं चाहता जगमगाते दिए को बुझाना तो नहीं चाहता सोचकर देख कवि हूँ...
जय होने दो
भारत माता की जय होने दोआज फिर एक नया संविधान तय होने दो अपनी जिंदगी नीलाम होने दोआज फिर ये धरती लहू लुहान होने दो माता प्रेम में मुझे तुम जवान होने...
उनकी तस्वीर देखा करते हैं
हम महफ़िल में बैठकर उनकी तस्वीर देखा करते हैंरोज साँझ सवरे उन्हें अनजान राहो में ताका करते हैंहम तो आशिक मिजाज़ हैं, दीवाना है अंदाजगुस्से को भी...
एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया था
एक अवसर मुझको भी ऐसा मिल पाया थामाँ ने हाथो से अपने मुझको झुला झुलाया थापापा ने कहकर बेटा अपने गले मुझे लगाया थाबदल गयी थी जिन्दगी मेरीजब मैंने सेवा...
जब से देखा है मैंने मालिक के नूर को
जब से देखा है मैंने मालिक के नूर कोतब से लगता है कि,ख्वाबो में तुम, निगाहो में तुमबांहो में तुम, सांसो में तुमरगो में तुम, खून में तुमनदी में तुम,...
मैं ख्वाब देखता हूँ किसी मेरे अपने का
मैं ख्वाब देखता हूँ किसी मेरे अपने कापापा की पीठ पर झूलने कामां की गोद में खेलने कामैं ख्वाब देखता हूँ किसी मेरे अपने काउन नन्हे पैरो पर चलने काउन...
गुरू तुम्हारा
हस्ती मिटती नहीं लुटाने से जिसकोचीज वो विद्या है पा लो इसकोपाकर इसे तुम बाबू बननाबात भी मत किसी की सुननागर पा इसको तुम जाओगेभविश्य औरो का भी...
मेरे अपनो से ना कहना
मेरे अपनो से ना कहनामैं उसे अपना बना ना सका मैं उसे कभी पा ना सकामौहब्बत तो बहुत की है उसनेमैं बुजदिल, उसे एक पल को हंसा ना सकामेरे अपनो से ना...
लिखता हूं मैं उन सबके लिए
लिखता हूं मैं उन सबके लिए जिन्होने इतने उपकार किएबहती नदी से, ठहरे सागर सम्राट बना दिएवो गुरू हमारे, ज्ञान देवी से मिला दिएबुझे चिराग तले, सूरज सा...