Author: Gurmeet Singh

मक्कारो की टोली

गोली खाने की तमन्ना सीने पर न दिल से अब जाएगीफिर कहता हूँ नादानों अब मनमानी ये चल न पायेगीमैं मरने को पैदा हुआ हूँ, संघर्ष करूँगा हक़ की खातिरअब...

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फ्रेंड शब्द विशेष ….

उसने मुझे एक दिन फ्रेंड कह बुलायामैं क्या करूँमेरी कुछ समझ नहीं आयामैंने थोडा सोचाफिर उसे कुछ यूँ पास बुलायाहे सुंदरी तनिक नजदीक तो आओहमने उसे भी एक...

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हूँ तो तेरे जैसा ही

दृढ किया हो निश्चय, फिर राह में कोई अडा नहीं हैऔरो की भी सुन, कतार में अकेला तू खड़ा नहीं हैज्यादा कुछ तो मैं भी न समझूँ , हूँ तो तेरे जैसा हीदुःख से...

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पूरा सफ़र

मैंने उसे पाने की तमन्ना ही छोड़ दी है जिससे जीवन अधुरा रहा जाता है ....क्यूंकि मुझे पूरा सफ़र तय करने की चाह है ....!#गुनी...

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बलिदान की ज्योति

मैंने ऊँचे उठते स्वर में जवान की जान देखी हैकोडियो के भाव बिकती कला ईमान देखी हैबेसक अब न होती आँखों में जगमग रोशनीजवानों में बलिदान की ज्योति महान...

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मेरा ही नाम

कभी वो अपने ही हाथो से जाम देती हैकभी हाथो में अपने हाथ थाम लेती हैशायद ही कभी भूल पाती होगी मुझे वोमेरा ही नाम वो हर ढलती शाम लेती है#गुनी...

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बच्चा माँ का स्वरुप होता है

लोग कहते हैं बच्चा ईश्वर का रूप होता हैमाँ बाप का टुकड़ा, उनके अनुरूप होता हैतस्वीर दिखती है माँ की नन्ही सी जान मेंकुछ और नहीं, बच्चा माँ का स्वरुप...

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तुझसा हीरा एक नायाब

काश कि खुदा ने मुझे भी तुझसा हीरा एक नायाब दिया होतातेरी नफरत को मौहब्बत से तौलने का हिसाब दिया होतातो आज मैं अपने दिल की पूरी किताब खोलकर दिखतागर...

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शेर हूँ …

मैं देश पर लुटा दूंगा जान वो शेर हूँमिला दूंगा दुश्मन मिटटी में सवाशेर हूँये चींटी सा नमूना क्या बिगड़ेगा मेराईंट से ईंट बजा दूंगा मैं बब्बर शेर हूँ

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दोस्त हैं नहीं बदलेंगे

हमने आजमा कर देखा लोग हमें याद करते हैंदिन रात करते हैं या बस यूँ ही बात करते हैंहमने सोचा ये दोस्त हैं नहीं बदलेंगे कभीमगर आजकल ये भी कभी कभी...

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