तुझसा हीरा एक नायाब
काश कि खुदा ने मुझे भी तुझसा हीरा एक नायाब दिया होता
तेरी नफरत को मौहब्बत से तौलने का हिसाब दिया होता
तो आज मैं अपने दिल की पूरी किताब खोलकर दिखता
गर खुदा ने तुझे मोम का दिल, मुझे सूरज सा ताप दिया होता
मेरी अपनी कहानी
काश कि खुदा ने मुझे भी तुझसा हीरा एक नायाब दिया होता
तेरी नफरत को मौहब्बत से तौलने का हिसाब दिया होता
तो आज मैं अपने दिल की पूरी किताब खोलकर दिखता
गर खुदा ने तुझे मोम का दिल, मुझे सूरज सा ताप दिया होता
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