गुरमीत सिंह ‘गुनी’ हूँ
मैं शब्दों को जोड़कर जाल नहीं रचना बुन देता हूँ
वर्षो पुराने टूटे सितार के तारो से मैं एक धुन देता हूँ
मैं कोई अजूबा नया नहीं बस आप सा रचनाकार हूँ
गुरमीत सिंह ‘गुनी’ हूँ और देशप्रेम के मैं गुन देता हूँ
#गुनी …
मेरी अपनी कहानी
मैं शब्दों को जोड़कर जाल नहीं रचना बुन देता हूँ
वर्षो पुराने टूटे सितार के तारो से मैं एक धुन देता हूँ
मैं कोई अजूबा नया नहीं बस आप सा रचनाकार हूँ
गुरमीत सिंह ‘गुनी’ हूँ और देशप्रेम के मैं गुन देता हूँ
#गुनी …
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