मंहगाई … Author Gurmeet Singh Created August 4, 2014November 14, 2016 Updated November 14, 2016August 4, 2014 Comments 0 Reading time Less 1 min Views 33 Categories: अन्य, मुक्तक क्या राज आया है, पहाड़ो सी ऊँचाईयो को छू रही है मंहगाईकोई भी सुनने को तैयार नहीं है, आम जनता बेचारी तंग आईपहले तीन वक़्त की खाते थे रोटियां अब एक बार खा लेंगे हमपर एक वक़्त मुश्किल से खाते थे वो गरीब मांग रहें हैं दुहाई #गुनी …
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